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ब्‍लू व्‍हेल से भी 3 गुना बड़ा एस्‍टरॉयड आ रहा हमारे करीब, 6 जून को होगा ‘सामना’

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एस्‍टरॉयड जिज्ञासा जगाते हैं, जब ये पृथ्‍वी के पास से गुजरते हैं। कुछ ऐसा ही फ‍िर होने जा रहा है। नासा के अनुसार, ब्लू व्हेल से भी तीन गुना बड़ा एक एस्‍टरॉयड सोमवार को 26,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्‍वी के ऊपर से गुजरेगा। रिपोर्टों के अनुसार, 2021 GT2 नाम का यह एस्‍टरॉयड हमारी पृथ्‍वी से 35 लाख किलोमीटर की दूरी से पास होगा। यह पृथ्‍वी और चंद्रमा के बीच की औसत दूरी का 10 गुना है। इस हिसाब से यह माना जा सकता है कि यह एक सुरक्षित सफर होगा, जिसका पृथ्‍वी पर कोई असर दिखने की उम्‍मीद नहीं है।   हाल ही में एक और एस्‍टरॉयड- 7335 (1989 JA) भी पृथ्‍वी के करीब से गुजरा था। इसे संभावित रूप से खतरनाक की कैटिगरी में रखा गया था। यह इस साल का अबतक का सबसे बड़ा एस्‍टरॉयड था, जिसने हमारी पृथ्‍वी के पास से सफर किया।   बात करें एस्‍टरॉयड 2021 GT2 की, तो इस अंतरिक्ष चट्टान का पता पिछले साल लगा था। अनुमान है कि इसका आकार 121 से 272 फीट के बीच है। आसानी से समझने के लिए इसकी लंबाई एक ब्लू व्हेल की लंबाई से तीन गुना तक ज्‍यादा हो सकती है। क्‍योंकि यह साइज में बहुत बड़ा नहीं है, इसीलिए इसे पृथ

50 हजार किमी/घंटे की रफ्तार से पृथ्‍वी की ओर आ रहा 3400 फीट का ‘खतरनाक’ एस्‍टरॉयड

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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) की जेट प्रोपल्‍शन लेबोरेटरी ने एक एस्‍टरॉयड के पृथ्‍वी की ओर आने की जानकारी दी है। बताया है कि 3,400 फीट चौड़ा एक विशाल एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा है। अभी इसकी रफ्तार 47,196 किलोमीटर प्रति घंटा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह 27 मई को पृथ्वी के सबसे करीब होगा। इससे पहले 15 मई को रिसर्चर्स ने 1,600 फीट चौड़े एस्‍टरॉयड के बारे में जानकारी दी थी। हालांकि वह पृथ्वी के करीब नहीं आया। लेकिन इस रिपोर्ट ने अलर्ट कर दिया है, क्‍योंकि इसका साइज पिछले एस्‍टरॉयड का दोगुना है। इसे संभावित खतरनाक की कै‍टिगरी में रखा गया है।  जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी ने बताया है कि इस विशालकाय एस्‍टरॉयड का नाम 1989 JA है। इसका आकार 3,400 फीट है यानी यह 1.8 किलोमीटर चौड़ा है। इसे अपोलो कैटिगरी के एस्‍टरॉयड के रूप में क्‍लासिफाइड किया गया है। इसे और आसानी से समझना हो तो पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा एस्‍टरॉयड दुबई स्थित बुर्ज खलीफा से दोगुना बड़ा है।  हालांकि बहुत ज्‍यादा चिंत‍ित होने की बात नहीं है। रिपोर्टों में बताया गया है कि जब यह एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी के सबसे करीब होगा, तब भी इसक

शनि के सामने गेंद जितना नजर आ रहा उसका चंद्रमा, नासा ने शेयर की हैरान करने वाली तस्‍वीर

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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने शनि (Saturn) के चंद्रमा डायोन (Dione) की हैरान करने वाली इमेज शेयर की है। शनि का चक्‍कर लगाते हुए डायोन अपने विशाल ग्रह के सामने गेंद जितना छोटा दिखाई देता है। नासा ने बताया है कि यह तस्‍वीर लगभग 2.3 मिलियन किलोमीटर की दूरी से ली गई थी। शायद इसीलिए चंद्रमा अपने असल आकार से भी छोटा दिखाई देता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्रह और उसके चंद्रमाओं के बीच रिलेशनशिप को समझने में पारगमन (transit) महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो ट्रैंज‍िट के दौरान वह पृथ्‍वी को सूर्य ग्रहण की ओर ले जाता है। डायोन की खोज साल 1684 में जियोवानी कैसिनी ने की थी। यह सिर्फ 562 किलोमीटर का एक छोटा चंद्रमा है, जो हमारे चंद्रमा का लगभग एक तिहाई है। डायोन हर 2.7 दिनों में 377,400 किलोमीटर की दूरी पर शनि की परिक्रमा करता है। यह लगभग उतनी ही दूरी है, जितनी दूरी पर चंद्रमा हमारी पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि डायोन मुख्य रूप से बर्फ से बना है। इसका औसत तापमान माइनस 186 डिग्री सेल्सियस है। इसकी बर्फ बह

हमारी आकाशगंगा से आ रहा रेडियो सिग्‍नल, साइंटिस्‍ट हैरान

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हमारी आकाशगंगा यानी ‘मिल्‍की वे' के छुपे हुए रहस्‍य वैज्ञानिकों समेत पूरी दुनिया को हैरान करते हैं। अब वैज्ञानिकों ने आकाशगंगा से निकलने वाले एक रहस्यमयी रेडियो सिग्नल का पता लगाया है। इस सिग्‍नल ने वैज्ञानिकों को आश्‍चर्य में डाल दिया है। उनका कहना है कि संभवत: यह सिग्‍नल एक सफेद बौने पल्सर से निकल रहा है। पल्सर एक रोटेटिंग (घूर्णन) न्यूट्रॉन तारा है, जिसमें नियमित अंतराल पर रेडिएशन होता है। यह कुछ मिलीसेकंड से सेकंड तक होता है। रिसर्चर्स ने इस रहस्‍यमयी सिग्‍नल को 'GLEAM-X J162759.5-523504.3' नाम दिया है। वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के जोनाथन काट्ज ने अपने रिसर्च पेपर में इस रहस्‍यमयी सिग्नल की विशेषताओं के बारे में लिखा है कि पल्‍सर एस्‍ट्रोनॉमी के शुरुआती दिनों से ही पल्सर जैसी गतिविधि दिखाने वाले एक रोटेटिंग मैग्‍नेटिक वाइट तारे के बारे में अटकलें लगाई जाती रही हैं। पल्सर बहुत तेजी से घूमते हैं और इस तरह से कोण बनाते हैं कि चुंबकीय ध्रुवों से रेडियो तरंगों की किरणें हर चक्कर में पृथ्वी के ऊपर से गुजरती हैं। वैज्ञानिक आश्‍चर्यचकित हैं कि क्या सफेद बौने स्‍टार्स में भी ऐसा

बृहस्‍पति के चंद्रमा से आ रही आवाज, Nasa के Juno एयरक्राफ्ट ने किया रिकॉर्ड

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हमारा ब्रह्मांड कई रहस्‍यों से घिरा है। इसके बारे में जानने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक जुटे हैं। चंद्रमा से मंगल और बृहस्‍पत‍ि Jupiter तक रिसर्चर हमारे चारों ओर की दुनिया के बारे में और ज्‍यादा जानने के लिए कोशिशें कर रहे हैं। मौजूदा वक्‍त में सभी का फोकस चंद्रमा और मंगल पर है, लेकिन एक स्‍पेसक्राफ्ट बृहस्‍पति की परिक्रमा भी कर रहा है। जूनो Juno नाम के इस स्‍पेसक्राफ्ट का लक्ष्य सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह की उत्पत्ति और विकास को समझना है। जैसे हमारी पृथ्‍वी का एक चंद्रमा है। उसी तरह बृहस्‍पति का भी अपना चंद्रमा है। इस साल की शुरुआत में बृहस्पति के चंद्रमा ‘गैनीमेड' Ganymede के एक फ्लाईबाई flyby के बाद जूनो ने बृहस्‍पति और उसके चंद्रमा का निरीक्षण करते हुए वहां के साउंड को भी कैप्‍चर किया है।  इसके ‘सतह' की तस्वीरें अविश्वसनीय हैं, लेकिन अंतरिक्ष के प्रति उत्साही लोगों के लिए असल उत्‍सुकता गैनीमेड Ganymede का साउंड है। नासा NASA की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) ने YouTube पर 50 सेकंड का ऑडियो ट्रैक जारी किया है। इस साउंड को Juno के वेव्स इंस्ट्रूमेंट ने कैप्चर किया। वीडिय