कोविड महामारी के दौरान 85 फीसदी बुजुर्गों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा : सर्वेक्षण
बुजुर्गों ने दावा किया कि उन्होंने कोविड के दौरान मुद्रास्फीति के कारण अपनी बचत या निवेश खो दिये नई दिल्ली: एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि करीब 85 प्रतिशत बुजुर्गों ने स्वीकार किया है कि उन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान विभिन्न मुश्किलों का सामना करना पड़ा है, जिनमें वित्तीय संकट सबसे ऊपर है. एजवेल फाउंडेशन द्वारा 10,000 बुजुर्गों के सर्वेक्षण से यह भी पता चला है कि 73.6 प्रतिशत (7,357) उत्तरदाताओं ने कहा कि लकवाग्रस्त स्वास्थ्य प्रणाली ने उनके जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला. यह भी पढ़ें एजवेल फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष हिमांशु रथ ने कहा, ‘‘वृद्ध व्यक्तियों को भेदभाव-रहित तरीके से समान अधिकार और अवसर दिए जाने चाहिए, ताकि मुख्यधारा में उनकी भागीदारी और सतत विकास में योगदान सुनिश्चित किया जा सके.'' सर्वेक्षण में पाया गया कि कोविड-19 की घटना ने 82.6 प्रतिशत से अधिक बुजुर्गों के दृष्टिकोण को बदल दिया, 75.1 प्रतिशत ने कहा कि वे भविष्य के बारे में आशावादी नहीं थे या यूं कहें कि भविष्य के बारे में अनिश्चित थे. सर्वेक्षण के अनुसार कोविड प्रभावितों (8,489 बुजुर्ग) में से 28.3 प्रति