तुर्कमेनिस्तान का ‘Gateway to Hell’ क्या है?
First Published: January 12, 2022 | Last Updated:January 12, 2022 तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्डीमुखामेदोव (Gurbanguly Berdymukhamedov) ने हाल ही में अधिकारियों को देश में ‘Gateway to Hell’ को अंतिम रूप से बुझाने का एक तरीका खोजने का आदेश दिया। मुख्य बिंदु तुर्कमेनिस्तान का ‘गेटवे टू हेल’ एक बड़ा प्राकृतिक गैस का गड्ढा है, जिसमे पांच दशकों से आग जल रही है। यह पहली बार नहीं है, जब अधिकारियों को भीषण आग को बुझाने का रास्ता खोजने का आदेश दिया गया है। क्या यह एक प्राकृतिक घटना है? नहीं, ‘गेटवे टू हेल’ एक प्राकृतिक घटना नहीं है। लेकिन यह मानवीय आपदा है। इस तथ्य के बावजूद, यह गड्ढा दुनिया भर से पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है। इसका निर्माण कैसे हुआ? ऐसा माना जाता है कि, 1971 में, सोवियत वैज्ञानिकों द्वारा एक साधारण गलत अनुमान के कारण इस क्रेटर का निर्माण हुआ। सोवियत वैज्ञानिकों ने नीचे रखे ईंधन की मात्रा को कम करके आंका था। उनके बोरिंग उपकरणों ने एक भूमिगत गुफा के माध्यम से ड्रिलिंग की। इससे गहरा गड्ढा बन गया। गैस ड्रिलर के गड्ढे में गिर