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चीन ने तेज किया अपने अंतरिक्ष स्‍टेशन का निर्माण, अगले मिशन के लिए पहुंचाए स्पेयर पार्ट्स

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चीन अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ा रहा है। उसका मून मिशन तो जारी है ही, मंगल मिशन की भी तैयारियां चल रही हैं। इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन की तर्ज पर वह अपना अंतरिक्ष स्‍टेशन तैयार कर रहा है, जिसके लिए एक कार्गो जहाज को मंगलवार को निर्माणाधीन स्‍पेस स्टेशन के साथ डॉक किया गया। तियानझोउ-4 अंतरिक्ष यान को हैनान के दक्षिणी द्वीप प्रांत में वेनचांग लॉन्च बेस से लॉन्ग मार्च-7 Y5 रॉकेट के ऊपर अंतरिक्ष में उतारा गया। देश की स्‍टेट मीडिया ने बताया कि इसे लगभग सात घंटे बाद स्टेशन के साथ डॉक किया गया। यह कार्गो जहाज अगले चालक दल के लिए रिसर्च इक्विपमेंट और स्टेशन को मेंटेन करने के लिए स्पेयर पार्ट्स को सप्‍लाई कर रहा है। एक न्‍यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, चालक दल 6 महीने अंतरिक्ष में बिताएगा। पिछले महीने ही एक अन्‍य चालक दल 6 महीने बिताकर अंतरिक्ष से लौटा था। अब अगले मिशन के तहत अंतरिक्ष में जाने वाला 3 सदस्‍यीय चालक दल वहां शेनझोउ 14 कैप्सूल में दो मॉड्यूल जोड़ने के लिए जाएगा। तियांगोंग जिसे हेवनली पैलेस भी कहते हैं, उसका मुख्‍य मॉड्यूल अप्रैल 2021 में लॉन्च किया गया था। इसका

भारत में तेज़ी से फैल रहा है ट्यूबरक्लोसिस : India TB Report 2022

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First Published: March 25, 2022 | Last Updated:March 25, 2022 2021 में, भारत में तपेदिक (Tuberculosis – TB) के मामलों में पिछले वर्ष की तुलना में 19% की वृद्धि हुई। यह जानकारी India TB Report 2022 में सामने आई है। यह रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने जारी की है। मुख्य बिंदु 2021 के दौरान TB के मरीजों की कुल संख्या 19,33,381 थी। 2020 में यह संख्या 16, 28,161 थी। भारत में, 2019 और 2020 के बीच सभी प्रकार के तपेदिक के कारण मृत्यु दर में 11% की वृद्धि हुई है। वर्ष 2020 के लिए अनुमानित टीबी से संबंधित मौतों की कुल संख्या 4.93 लाख थी, जो 2019 के अनुमान से 13 प्रतिशत अधिक है। 2019 में भारत ने पिछले वर्ष की तुलना में टीबी से संबंधित मामलों में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी। जनवरी और फरवरी के महीनों की तुलना में 2020 में, टीबी से संबंधित मामलों में महामारी के दो महीने बाद 38 प्रतिशत की गिरावट आई है। 2020 के अंत तक टीबी के मामले बढ़ने लगे और कुल 1.8 मिलियन मामले दर्ज किए गए। 2021 में जिन 21,35,830 रोगियों का निदान (diagnose) किया गया थ

माउंट एवरेस्ट पर सबसे ऊंचा ग्लेशियर तेज़ी से पिघल रहा है : अध्ययन

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First Published: February 9, 2022 | Last Updated:February 9, 2022 हाल ही में वैज्ञानिकों ने पाया कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर सबसे ऊंचा ग्लेशियर तेजी से पिघल रहा है। यह ग्लेशियर साउथ कोल ग्लेशियर (South Col Glacier) है और पिछले 25 वर्षों में यह ग्लेशियर 54 मीटर मोटाई खो चुका है। मुख्य बिंदु  साउथ कोल ग्लेशियर 7,906 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह ग्लेशियर तेजी से पतला हो रहा है। इस ग्लेशियर के पिघलने को प्रेरित करने वाले प्रमुख जलवायु कारक तेज हवाएं और गर्म तापमान हैं। 1990 से 2020 के बीच जिस बर्फ को बनने में 2000 साल लगे, वो पिघल चुकी थी। ग्लेशियर पर बर्फ की परत मिट गई है। इसने कुछ क्षेत्रों में अंतर्निहित काली बर्फ को उजागर कर दिया है। इससे पिघलन और तेज हो रही है। काली बर्फ, पर्वत की सतह पर परत है। यदि काली बर्फ पिघलती है, तो पर्वत सूर्य के संपर्क में आ जाता है। पर्वत बर्फ की तुलना में अधिक समय तक अधिक ताप धारण करता है। इससे पिघलने में और तेजी आएगी। इस क्षेत्र की जलवायु स्थिर है। क्षेत्र की जलवायु परिस्थितियों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ ह

भारत के सबसे तेज़ सुपरकंप्यूटर परम प्रवेग (Param Pravega) को कमीशन किया गया

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First Published: February 8, 2022 | Last Updated:February 8, 2022 भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC), बेंगलुरु ने भारत में “परम प्रवेग” ( Param Pravega) नामक सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटरों में से एक को कमीशन किया है। सुपर कंप्यूटर परम प्रवेग ( Supercomputer Param Pravega) परम प्रवेग सुपरकंप्यूटर में 3.3 पेटाफ्लॉप्स की सुपरकंप्यूटिंग क्षमता है। यह किसी भारतीय शैक्षणिक संस्थान का सबसे बड़ा सुपर कंप्यूटर है। इस सुपर कंप्यूटर को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। इस सुपरकंप्यूटर में उपयोग किए जाने वाले अधिकांश घटकों को स्वदेशी रूप से निर्मित और असेंबल किया गया है। इसका सॉफ्टवेयर भी भारत में ही विकसित किया गया है। सुपरकंप्यूटर को कमीशन करने का उद्देश्य परम प्रवेग सुपरकंप्यूटर को राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (National Supercomputing Mission – NSM) के तहत संस्था में कमीशन किया गया है। इसे पूरे भारत से विविध अनुसंधान और शैक्षिक गतिविधियों को शक्ति प्रदान करने के लिए कमीशन किया गया है। NSM के तहत, भारत में अब

मेटा (Meta) पेश करेगी दुनिया का सबसे तेज AI सुपरकंप्यूटर

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First Published: January 25, 2022 | Last Updated:January 25, 2022 फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) के अनुसार, इसका नया “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सुपरकंप्यूटर” (artificial intelligence supercomputer) वर्ष 2022 के मध्य तक दुनिया भर में सबसे तेज होगा। मुख्य बिंदु  मेटा ने 24 जनवरी, 2022 को AI Research Super Cluster (RSC) पेश किया। माना जाता है कि यह वर्तमान में सबसे तेज AI सुपर कंप्यूटरों में से एक है। वर्तमान में, AI भाषाओं के बीच टेक्स्ट का अनुवाद करने और संभावित हानिकारक सामग्री की पहचान करने में मदद करने जैसे कार्य कर सकता है। हालांकि, अगली पीढ़ी के AI के विकास के लिए शक्तिशाली सुपर कंप्यूटरों की आवश्यकता होगी, जो प्रति सेकंड क्विंटिलियन ऑपरेशन करने में सक्षम हैं। RSC का महत्व RSC नए और बेहतर AI मॉडल बनाने में मदद करेगा। यह सैकड़ों विभिन्न भाषाओं में काम करने की भी अनुमति देगा। RSC “मेटावर्स” नामक अगले प्रमुख कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म के लिए प्रौद्योगिकियों के निर्माण में भी मदद करेगा, जहां AI-संचालित एप्लिकेशन और उत्पाद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। म

AI Game Changers : नैसकॉम ने भारत में AI नवाचार में तेजी लाने के लिए कार्यक्रम लांच किया

AI Game Changers : नैसकॉम ने भारत में AI नवाचार में तेजी लाने के लिए कार्यक्रम लांच किया