हमारी आकाशगंगा से आ रहा रेडियो सिग्नल, साइंटिस्ट हैरान
पल्सर बहुत तेजी से घूमते हैं और इस तरह से कोण बनाते हैं कि चुंबकीय ध्रुवों से रेडियो तरंगों की किरणें हर चक्कर में पृथ्वी के ऊपर से गुजरती हैं। वैज्ञानिक आश्चर्यचकित हैं कि क्या सफेद बौने स्टार्स में भी ऐसा ही व्यवहार देखा जा सकता है। जोनाथन काट्ज ने अपना रिसर्च पेपर प्रीप्रिंट सर्वर arXiv पर अपलोड कर दिया है। इसका रिव्यू होना अभी बाकी है।
यह सिग्नल जहां से आता है, वह पृथ्वी से लगभग 4,000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। इस ऑब्जेक्ट के बारे में कई वैज्ञानिकों ने स्टडी की है। इनमें ऑस्ट्रेलियाई रिसर्चर्स भी शामिल हैं, जिन्होंने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित मर्चिसन वाइडफील्ड एरे नाम के टेलीस्कोप का इस्तेमाल करके इसकी खोज की थी। जनवरी और मार्च 2018 के बीच टेलीस्कोप द्वारा जुटाए गए डेटा में प्रत्येक 18.18 मिनट में लगभग 30 से 60 सेकंड के लिए इस ऑब्जेक्ट को तेज गति से स्पंदित होते हुए दिखाया गया है।
तारों से जुड़ी एक और खबर हमने आपको बीते दिनों बताई थी। जब किसी तारे में विस्फोट होता है, तो वह बहुत अधिक चमकदार हो जाता है। इसे सुपरनोवा कहते हैं। यूरोपियन सदर्न ऑब्जर्वेटरी (ESO) ने कार्टव्हील आकाशगंगा में हुए एक विस्फोट को तस्वीरों में कैद किया है। यह विस्फोट एक तारे में हुआ। इस सुपरनोवा का नाम SN2021afdx है, जिसे टाइप II सुपरनोवा के तौर पर पहचाना गया है। इस प्रकार का सुपरनोवा तब बनता है, जब एक बड़े तारे का ईंधन यानी फ्यूल खत्म हो जाता है। यह ईंधन तारे के गुरुत्वाकर्षण के लिए जरूरी होता है और उसे ढहने से बचाता है।
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