वैज्ञानिकों ने खोज निकाला गैस और धूल के गुबार में छुपा हुआ ब्लैक होल
नासा (NASA) की Chandra X-ray ऑब्जर्वेटरी की मदद से रिसर्चर्स ने एक ब्लैक होल की पहचान की है। यह ब्लैकहोल Mrk 462 नाम की आकाशगंगा में मिला है। यह सूर्य के द्रव्यमान का 200000 गुना है। Mrk 462 एक बौनी आकाशगंगा है, जिसमें कई सौ मिलियन तारे हैं। इसके मुकाबले हमारी आकाशगंगा में कई सौ बिलियन तारे हैं। 110 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित यह ब्लैकहोल, गैस और धूल की ज्यादा मात्रा होने से Mrk 462 आकाशगंगा में छुप गया था। नासा ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि पहली बार एक बौनी आकाशगंगा में एक ‘अस्पष्ट' सुपरमैसिव ब्लैक होल पाया गया है। खगोलविद अक्सर आकाशगंगाओं के केंद्र में तारों की तीव्र गति की खोज करके ब्लैक होल का पता लगाते हैं, लेकिन मौजूदा उपकरणों की मदद से बौनी आकाशगंगाएं बहुत छोटी और मंद नजर आती हैं। उनमें कोई भी चीज का पता लगाना मुश्किल होता है। ब्लैक होल का पता लगाने के लिए खगोलविद एक दूसरी तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। इसी वजह से इस ब्लैकहोल को खोजा जा सका है। न्यू हैम्पशायर में डार्टमाउथ कॉलेज के जैक पार्कर ने अपने सहयोगी रयान हिकॉक्स के साथ इस रिसर्च को लीड किया। जैक प...