एंट्रिक्स-देवास डील को लेकर क्या है विवाद : जानिए 10 बड़ी बातें
Devas Antrix Deal को लेकर विवाद काफी पुराना नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2005 में भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो की कामर्शियल शाखा एंट्रिक्स औऱ देवास मल्टीमीडिया के बीच हुए समझौते को लेकर कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि यह साबित होता है कि सौदा एक बड़ी धोखाधड़ी थी. जानिए एंट्रिक्स-देवास केस की 10 बड़ी बातें : देवास मल्टीमीडिया का गठन दिसंबर 2004 में हुआ था. एक साल बाद देवास ने इसरो (ISRO) की कामर्शियल यूनिट एंट्रिक्स के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस डील के तहत देवास को इसरो की वाणिज्यिक शाखा से बैंडविड्थ मिलना था, जिसे विभिन्न सेवाओं में इस्तेमाल किया जाता. तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने फऱवरी 2011 में यह सौदा उस वक्त रद्द किया, जब यह प्रकाश में आय़ा कि गैरकानूनी तरीके से यह डील की गई थी एंट्रिक्स ने तब नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में याचिका दायर कर कहा था कि कंपनी के तत्कालीन चेयरमैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने गैरकानूनी तरीके से यह समझौता किया था एनसीएलएटी और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की बेंगलुरू शाखा ने मई 2021 में देवास को अपना का