हाईकोर्टों में क्षेत्रीय भाषाओं के इस्तेमाल में कई रुकावटें : CJI रमना
उच्च न्यायालयों में स्थानीय भाषाओं के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जा रही है. नई दिल्ली: सीजेआई (Chief Justice of India) एन. वी.रमण (NV Ramana) ने शनिवार को कहा कि देश के संबंधित उच्च न्यायालयों (High Courts) में स्थानीय (क्षेत्रीय) भाषाओं के इस्तेमाल के संबंध में ‘कुछ अवरोध' हैं. हालांकि, उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) सहित विभिन्न वैज्ञानिक नवाचारों की मदद से यह मुद्दा ‘निकट भविष्य' में सुलझ जाएगा. मद्रास उच्च न्यायालय के नौ-मंजिले प्रशासनिक खंड की आधारशिला रखने के बाद अपने सम्बोधन में न्यायमूर्ति रमण ने यह भी कहा कि तमिल देश के सांस्कृतिक और भाषाई अधिकारों के संरक्षण में हमेशा अग्रणी रहे हैं. उन्होंने तमिलनाडु में साठ के दशक में हिन्दी-विरोधी आंदोलन का स्पष्ट उल्लेख किया. यह भी पढ़ें उच्च न्यायालयों में क्षेत्रीय भाषाओं के इस्तेमाल को लेकर न्यायमूर्ति रमण की यह टिप्णी उस वक्त आयी जब कार्यक्रम में मौजूद मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने मद्रास उच्च न्यायालय में तमिल भाषा के इस्तेमाल की अनुमति देने का सीजेआई से आग्रह किया. प्रधान