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Regional Rapid Transit System (RRTS) की पहली ट्रेन NCRTC को सौंपी गई

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First Published: May 10, 2022 | Last Updated:May 10, 2022 भारत के पहले क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम Regional Rapid Transit System – RRTS) की पहली ट्रेन को हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) को सौंपा गया। क्या यह ट्रेनें स्वदेशी हैं? ये ट्रेनें 100% स्वदेशी हैं। यह सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम और आत्मनिर्भर भारत की महत्वाकांक्षा के अनुरूप है। ट्रेनसेट का डिज़ाइन और निर्माण कहाँ किया गया है? ट्रेनसेट को एल्सटॉम के हैदराबाद इंजीनियरिंग केंद्र में डिजाइन किया गया था और सावली (गुजरात) में एल्सटॉम के कारखाने में निर्मित किया गया है। मानेजा (गुजरात) में प्रणोदन प्रणाली और इलेक्ट्रिकल्स का निर्माण किया जाता है। सेफ्टी और पैसेंजर कम्फर्ट फीचर्स क्या हैं? एर्गोनॉमिक रूप से निर्मित 2×2 ट्रांसवर्स सीटिंग ओवरहेड लगेज रैक CCTV कैमरे फायर एंड स्मोक डिटेक्टर, फायर एक्सटिंगुइशर डोर स्टेटस इंडिकेटर्स, ग्रैब हैंडल वाई-फाई, लैपटॉप/मोबाइल/यूएसबी चार्जिंग स्टेशन गतिशील मार्ग प्रदर्शन मानचित्र ऑटो कंट्रोल्ड एम्बिएंट लाइटिंग सि...

Canister Launched Anti-Armour Loiter Ammunition (CALM) System क्या है?

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First Published: April 15, 2022 | Last Updated:April 15, 2022 कनस्तर द्वारा लॉन्च किया गया एंटी-आर्मर लोइटर अम्मुनिशन (Canister Launched Anti-Armour Loiter Ammunition – CALM) सिस्टम एक प्री-लोडेड लोइटर म्युनिशन कैनिस्टर या एक ड्रोन है जिसे एक बार दागने के बाद एक निर्दिष्ट क्षेत्र (designated area) में कुछ समय के लिए हवा में रह सकता है और लक्ष्य देखे जाने के बाद एक विस्फोटक पेलोड के साथ इसे नष्ट करने के लिए निर्देशित किया जा सकता है।  मुख्य बिंदु  लोइटर म्युनिशन में एक कैमरा होता है और इसका उपयोग ऑपरेटर द्वारा ऑपरेशन के क्षेत्र को देखने और विशिष्ट लक्ष्यों को चुनने के लिए किया जाता है। इन हथियारों के कई प्रकार हैं अगर उन्हें किसी भी स्ट्राइक के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया है, तो उन्हें पुनर्प्राप्त करके उनका पुन: उपयोग किया जा सकता है। लोइटर म्युनिशन ( Loiter Munitions) वे सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों और एक ड्रोन का मिश्रण हैं। एक बार दागी जाने वाली मिसाइल सीधे लक्ष्य पर निशाना साधती है, जबकि लोइटर म्युनिश ऑनबोर्ड निगरानी उपकरण ले जाते हैं और ...

Unified District Information System for Education Plus (UDISE+) रिपोर्ट जारी की गई

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First Published: March 11, 2022 | Last Updated:March 11, 2022 भारत की स्कूली शिक्षा पर Unified District Information System for Education Plus (UDISE+) रिपोर्ट 2020-21 हाल ही में जारी की गई। UDISE शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (Unified District Information System for Education – UDISE) 2012-13 में शुरू की गई थी। यह स्कूली शिक्षा पर सबसे बड़ी प्रबंधन सूचना प्रणाली में से एक है। इसमें 15 लाख से अधिक स्कूल और 26.4 करोड़ से अधिक बच्चे शामिल हैं। इस प्रणाली में, डेटा को पहले कागज के प्रारूप में भरा जाता था और फिर कंप्यूटर में मैन्युअल रूप से दर्ज किया जाता था। हालाँकि, यह प्रणाली त्रुटियों और दुरुपयोग से ग्रस्त है। UDISE+ UDISE+, UDISE का एक अपडेटेड संस्करण है, जहाँ स्कूलों से डेटा ऑनलाइन और वास्तविक समय में एकत्र किया जाता है। यह UDISE प्रणाली में मौजूद मुद्दों जैसे डेटा में त्रुटियों और देरी को दूर करने में उपयोगी है। UDISE+ को स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा 2018-19 में विकसित किया गया था। UDISE+ प्रणाली में, डेटा कैप्चर, डेटा मैपिंग औ...

इज़रायल ने सी-डोम रक्षा प्रणाली (C-Dome Defence System) का सफल परीक्षण किया

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First Published: February 23, 2022 | Last Updated:February 23, 2022 इज़राइल द्वारा ‘सी-डोम’ (C-Dome)  नामक एक नई नौसेना वायु रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। इस मिसाइल प्रणाली का उपयोग इज़रायल की नौसेना के Sa’ar 6-श्रेणी के कोरवेट पर किया जाएगा। मुख्य बिंदु  सी-डोम इजरायल के आयरन डोम का नौसैनिक संस्करण है। आयरन डोम इजरायल की एक मिसाइल प्रणाली है जिसका उपयोग गाजा पट्टी से कम दूरी की मिसाइलों और रॉकेटों को नष्ट करने और रोकने के लिए किया जाता है। सी-डोम का सफल परीक्षण देश की समुद्री रक्षा को और मजबूत करेगा। यह परीक्षण विभिन्न आने वाले खतरों पर किया गया जिसमें क्रूज मिसाइल, रॉकेट और ड्रोन शामिल थे। सी-डोम मिसाइल प्रणाली (C-Dome Defence System)  इजरायल की इस नई मिसाइल प्रणाली को देश की समुद्री सुरक्षा पर किसी भी हमले का मुकाबला करने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। सी-डोम मिसाइल प्रणाली को इज़रायल की मिसाइल रक्षा प्रणाली में शामिल किया जाएगा। यह मिसाइल प्रणाली आयरन डोम के समान है, यह उसका एक नौसैनिक संस्करण है। आयरन डोम ( Iron Dome) ...

ताइवान की पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली (Patriot Missile Defence System) को और बेहतर बनाएगा अमेरिका

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First Published: February 10, 2022 | Last Updated:February 10, 2022 अमेरिकी सरकार ने हाल ही में ताइवान की पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली की मरम्मत करने और सुधारने के लिए 100 मिलियन डालर मूल्य के उपकरणों की बिक्री को मंजूरी दी है। इससे सिस्टम अपग्रेड होगा। यह फैसला 2019 में ट्रंप प्रशासन के दौरान किया गया था। अमेरिका के ताइवान के साथ आधिकारिक संबंध नहीं हैं। दिसंबर 2021 में, चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी कि अगर अमेरिका ताइवान की स्वतंत्रता को प्रोत्साहित कर रहा है तो देशों के बीच एक सैन्य संघर्ष हो सकता है।  पैट्रियट मिसाइल ( Patriot Missile) यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। यह अमेरिकी कंपनी रेथियॉन (Raytheon) द्वारा निर्मित है। पैट्रियट मिसाइलें नाइके हरक्यूलिस प्रणाली की जगह लेने के लिए बनाई गई थीं। इसकी सीमा लगभग 70 किलोमीटर है। पैट्रियट – एंटी बैलिस्टिक मिसाइल ये मिसाइलें बैलिस्टिक मिसाइलों का मुकाबला करती हैं। बैलिस्टिक मिसाइल वे मिसाइलें हैं जो बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र का अनुसरण करती हैं। यहां मिसाइल परवलय की तरह घुमावदार रास्ते का अनुसरण क...

Online Storage Management (OSM) System क्या है?

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First Published: January 25, 2022 | Last Updated:January 25, 2022 लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Targeted Public Distribution System – TPDS) के तहत खाद्यान्न के भंडारण, संचलन और वितरण में परिचालन दक्षता लाने के लिए केंद्र सरकार 1 अप्रैल, 2022 से “ऑनलाइन स्टोरेज मैनेजमेंट (OSM)” नामक एक डिजिटल प्रणाली शुरू करने जा रही है। Online Storage Management System ऑनलाइन स्टोरेज मैनेजमेंट सिस्टम भारतीय खाद्य निगम (FCI) और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ चावल और गेहूं के स्टॉक की मात्रा और गुणवत्ता पर वास्तविक समय डेटा प्रदान करेगा। यह FCI, सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन और स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के गोदामों में रखे खाद्यान्न स्टॉक की जानकारी प्रदान करेगा। सिस्टम खरीद बिंदुओं से लेकर PDS वितरण आउटलेट तक अनाज स्टॉक को ट्रैक करेगा। OSM सिस्टम को राज्य सरकारों द्वारा खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) के सहयोग से विकसित किया जा रहा है। OSM प्रणाली का महत्व OSM प्रणाली परिवहन ठेकेदारों द्वारा गोदामों और उचित मूल्य की दुकानों के बीच हेरफेर की किसी भी संभावना को ...

पर्यावरण मंत्रालय ने ‘स्टार रेटिंग सिस्टम’ (Star Rating System) लांच किया

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First Published: January 21, 2022 | Last Updated:January 21, 2022 पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने हाल ही में “स्टार रेटिंग सिस्टम” लॉन्च किया है। यह सिस्टम कम अवधि में पर्यावरण मंजूरी प्रदान करता है। स्टार रेटिंग सिस्टम (Star Rating System)  पर्यावरण मंत्रालय इस नई प्रणाली के साथ राज्यों को रैंक और प्रोत्साहन देगा। मंत्रालय उन राज्यों का पता लगाएगा जो कम समय में कुशलतापूर्वक पर्यावरणीय मंजूरी प्रदान करते हैं। इसके बाद यह ऐसे राज्यों को प्रोत्साहन देगा। इसके लिए स्टार रेटिंग प्रणाली राज्यों को सात के पैमाने पर अंक प्रदान करती है। राज्यों को 80 दिनों से कम समय में एक परियोजना को मंजूरी देने के लिए दो अंक प्राप्त होते हैं। 105 दिनों में समाशोधन के लिए एक अंक मिलता है। इस अवधि से अधिक समाशोधन के लिए शून्य अंक दिए जायेंगे। विशेषताएं यह राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (State Environment Impact Assessment Authorities – SEIAA) के लिए शर्तों की व्यवस्था करता है। ये शर्तें निम्नलिखित पर आधारित हैं: 30 दिनों से अधिक समय से प्रतीक्षारत प्रस्ताव ...

परिवहन मंत्रालय ने Indian Bridge Management System विकसित किया

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First Published: January 6, 2022 | Last Updated:January 6, 2022 केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, केंद्र सरकार भारत में सभी पुलों की उम्र और स्थिति जानने के लिए एक नीति तैयार करेगी। मुख्य बिंदु  मंत्रालय ने देश के सभी पुलों की जानकारी एकत्र करने के लिए भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली (Indian Bridge Management System) तैयार की है। यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि भारत में पुलों की कोई समाप्ति तिथि (expiry date) नहीं है और इसके परिणामस्वरूप, कई दुर्घटनाएं और मौतें होती हैं। केंद्र अब समुद्र के किनारे बन रहे पुलों में स्टेनलेस स्टील के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है क्योंकि इससे पुलों की ताकत और लंबी उम्र बढ़ेगी और पुल ज्यादा सुरक्षित होंगे। केंद्रीय मंत्री ने नए जमाने की तकनीकों पर प्रकाश डाला। उनके अनुसार, पुलों के स्पैन को जोड़ने के लिए नई तकनीक को अपनाना होगा। बहुमंजिला सड़क परियोजनाओं पर जोर केंद्रीय मंत्री ने आगे बहुमंजिला सड़क परियोजनाओं पर जोर दिया, क्योंकि शहरों में भूमि अधिग्रहण आसान नहीं है. उदाहरण के लिए नागपुर में दो ...