मंगल ग्रह से Nasa के इनसाइट लैंडर ने भेजी अपनी ‘आखिरी सेल्फी’, जानें क्या होगा मिशन का
23 मई को रिलीज की गई इस इमेज में इनसाइट लैंडर को धूल से ढका हुआ देखा जा सकता है। बीते दिनों ने नासा ने बताया था कि सौर ऊर्जा से चलने वाला इनसाइट लैंडर अब बहुत कम बिजली बना पा रहा है। शुरू में लैंडर में एक घंटे 40 मिनट के लिए इलेक्ट्रिक ओवन को बिजली देता था। अब यह वक्त घटकर 10 मिनट रह गया है।
साल 2018 में मंगल ग्रह पर उतरने के बाद से इनसाइट लैंडर ने वहां 1,300 से अधिक भूकंपों को रिकॉर्ड किया है। हाल ही में इसने मंगल ग्रह पर आए अब तक के सबसे बड़े भूकंप को रिकॉर्ड किया था, जिसकी तीव्रता 5 मापी गई थी। यह नासा का दूसरा मंगल ग्रह लैंडर होगा, जो धूल में खो गया है और जल्द बर्बाद हो सकता है।
अंतरिक्ष एजेंसी ने यह भी बताया था कि वह इस स्पेसक्राफ्ट के भूकंपमापी का इस्तेमाल तब तक करती रहेगी, जब तक कि जुलाई में इसकी बिजली खत्म नहीं हो जाती। नासा ने बताया है कि फ्लाइट कंट्रोलर सब कुछ बंद करने से पहले इस साल के आखिर तक इनसाइट को मॉनिटर करेंगे। ऐसे में यह माना जाना चाहिए कि इनसाइट लैंडर इस पूरे साल सर्विस नहीं दे पाएगा। कुल मिलाकर यह मिशन लगभग तीन साल चला, ऐसा कहा जा सकता है।
इनसाइट लैंडर में धूल को साफ करने का कोई सिस्टम नहीं है। यह लैंडर खुद पर जमी धूल को साफ करने के लिए तेज हवाओं पर निर्भर था। पिछले साल इंजीनियरों ने बूंदाबादी के जरिए पैनल से रेत हटाने की कोशिश की थी।
बहरहाल, अपनी आखिरी सेल्फी के साथ इनसाइट लैंडर अपना दुनिया से अलविदा कहने को तैयार है। डिवाइस गर्मियों तक अपना काम बंद कर सकती है। नासा इस मिशन से प्रभावित है। बीते दिनों उसने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि इनसाइट लैंडर मंगल ग्रह पर हमारी उम्मीदों को पार कर गया।
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