तारे में विस्फोट से निकली गैसों को हबल टेलीस्कोप ने किया कैमरे में कैद
तस्वीर को कैद करने के लिए हबल स्पेस टेलीस्कोप ने अपने ‘वाइड फील्ड कैमरा 3' का इस्तेमाल किया। ESA ने बताया है कि एक नवजात तारे में विस्फोट की वजह से यह गैस निकलीं। आमतौर पर किसी तारे के बनने के शुरुआती वक्त में ऐसे वाकये होते हैं। इस वजह से निकलने वाली गैस सुपरसोनिक स्पीड से आगे बढ़ती हैं। ऐसा ही कुछ मौजूदा इमेज में भी दिखाई दे रहा है।
हर्बिग-हारो ऑब्जेक्ट्स तब बनते हैं, जब गैस का जेट अपने शुरुआती चरण में तारे के आसपास के मटीरियल से टकराता है। यह टक्कर उस मटीरियल को गर्म करता है, जिस वजह से वहां चमक नजर आती है।
यह पहली बार नहीं है, जब इस हर्बिग-हारो ऑब्जेक्ट को देखा गया है। हबल ने इसे साल 1994 और 2007 के बीच और 2015 में ज्यादा डिटेल के साथ कैप्चर किया था। बताया जाता है कि यह चीज कई साल से डेवलप हो रही है और इसमें काफी अहम बदलाव आ रहा है।
ESA की वेबसाइट के अनुसार, HH34 पृथ्वी से लगभग 1,250 प्रकाश वर्ष दूर ओरियन नेबुला में रहता है। यहां तारों के निर्माण की घटनाएं होती रहती हैं। हबल द्वारा ली गई HH34 और दूसरे जेट की हाई-रेजॉलूशन इमेज खगोलविदों को जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप द्वारा किए गए फ्यूचर ऑब्जर्वेशन को समझने में सहायता करेंगी।
हबल टेलीस्कोप को अप्रैल 1990 में स्पेस में लॉन्च किया गया था। तब से इसने डीप स्पेस की कई बेहतरीन तस्वीरें कैद की हैं। बहुत जल्द इस टेलीस्कोप की जगह ‘जेम्स वेब टेलीस्कोप' (James Webb Telescope) ले लेगा। पिछले साल 25 दिसंबर को नासा ने इसे लॉन्च किया है। अभी यह अंतरिक्ष में अपने उपरकणों को सेट कर रहा है। माना जा रहा है कि अगले कुछ महीनों में जेम्स वेब टेलीस्कोप अपना काम शुरू कर देगा।
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