‘Presidential Fleet Review’ क्या है?
21 फरवरी को, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना की फ्लीट रिव्यू किया।
मुख्य बिंदु
- राष्ट्रपति कोविंद पूर्वी नौसेना कमान के तीन दिवसीय दौरे पर विशाखापत्तनम में हैं।
- विशाखापत्तनम दूसरी बार फ्लीट रिव्यू की मेजबानी कर रहा है।
- प्रथम फ्लीट रिव्यू 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के कार्यकाल में किया गया था।
- फ्लीट रिव्यू देश को भारतीय नौसेना की तैयारियों, उच्च मनोबल और अनुशासन का आश्वासन देने के उद्देश्य से किया जाता है।
- इस वर्ष 12वें फ्लीट रिव्यू को चिह्नित किया गया।
- यह भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है।
भारत का प्रत्येक राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के दौरान एक बार भारतीय नौसेना बेड़े की समीक्षा करता है, क्योंकि वह भारतीय सशस्त्र बलों का सर्वोच्च कमांडर होता है।
राष्ट्रपति के बेड़े की समीक्षा (Presidential Fleet Review)
भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर होने के नाते, भारत के राष्ट्रपति फ्लीट रिव्यू में नौसेना की क्षमताओं का जायजा लेते हैं। राष्ट्रपति एक यॉट पर चढ़ते हैं, जिसे प्रेसिडेंशियल यॉट कहा जाता है और भारतीय नौसेना बेड़े की समीक्षा करते हैं। इस वर्ष, सभी नौसेना कमानों और अंडमान और निकोबार कमान के जहाजों को विशाखापत्तनम में समीक्षा के लिए नौसेना के बंदरगाहों में से एक पर डॉक किया गया था। इस अभ्यास के हिस्से के रूप में, राष्ट्रपति की नौका डॉक किये गये जहाजों के स्तंभों से आगे निकल गई, और उन्हें औपचारिक सलामी दी गई। इस समीक्षा के दौरान राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी भी दी गई।
पृष्ठभूमि
अब तक 11 फ्लीट रिव्यू आयोजित किए जा चुके हैं। पहला बेड़ा 1953 में राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के अधीन संचालित किया गया था। कुल मिलाकर, 2001 और 2016 में दो समीक्षाएँ अंतर्राष्ट्रीय थीं, जिसमें अन्य देशों के जहाजों ने भी भाग लिया।
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