ICE 360 सर्वेक्षण के परिणाम : मुख्य बिंदु
ICE 360 सर्वेक्षण PRICE द्वारा किया जाता है। PRICE का अर्थ People’s Research on India’s Consumer Economy है। यह सर्वेक्षण घरेलु आय, वित्तीय विवरण, व्यय, व्यवसाय, जीवन की गुणवत्ता आदि पर डाटा एकत्र करता है।
मुख्य निष्कर्ष
- पिछले 5 सालों में अमीर लोगों की घरेलु आय में 39% की बढ़ोतरी हुई है।
- 1995 से देश में लोगों की घरेलु आय बढ़ रही है। हालांकि, पिछले पांच सालों में इसमें 53% की कमी आई है।
- COVID प्रेरित लॉकडाउन ने 2020-21 में दो तिमाहियों के लिए आर्थिक गतिविधियों को पूरी तरह से रोक दिया। इस वजह से 2020-21 में देश की जीडीपी में 7.3% की कमी आई।
- इस सर्वे के मुताबिक सभी लोगों से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरी गरीब हैं।
- महामारी के दौरान, मध्यम वर्ग के लोगों और गरीबों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा। और अमीरों की आमदनी में वृद्धि हुई।
- मध्यम वर्ग के लोगों की घरेलु आय में 2% की कमी आई है। निम्न मध्यम वर्ग की घरेलू आय में 32% की कमी आई।
- COVID समय के दौरान, उच्च मध्यम वर्ग की आय में 7% की वृद्धि हुई।
बेरोजगारी
- छोटी और मझोली कंपनियों में नौकरी का नुकसान बड़ी कंपनियों और कॉरपोरेट्स की तुलना में अधिक था। दिहाड़ीदार मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।
- पहले लॉकडाउन के दौरान शहरी लोगों को काफी नुकसान हुआ था। खासकर छोटे व्यापारियों, दिहाड़ी मजदूरों और घरेलू कामगारों को ज्यादा नुकसान हुआ।
- शहरों में गरीबों का प्रतिशत बढ़ा है। 2016 में, 90% गरीब ग्रामीण भारत में रहते थे। 2021 में यह घटकर 70% हो गया। दूसरी ओर, शहरी क्षेत्रों में सबसे गरीब लोगों की हिस्सेदारी 2015 में 10% से बढ़कर 2021 में 30% हो गई।
PRICE
PRICE देश की उपभोक्ता अर्थव्यवस्था और नागरिकों के पर्यावरण के बारे में विवरण एकत्र करता है। यह इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि भारतीय कैसे सार्वजनिक वस्तुओं और सुविधाओं की कमाई, खर्च, बचत, सोच और उन तक पहुंच बना रहे हैं। यह सरकारी नीतियों को तैयार करने और व्यावसायिक रणनीति बनाने में अत्यधिक सहायक है।
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