मंगल ग्रह की उड़ान से पहले शुरू हुई ExoMars रोवर की प्रैक्टिस
ESA ने कहा कि इन अभ्यासों के दौरान लगभग 15 मिनट तक ड्राइविंग की जाती है। यह पूरी प्रक्रिया कुछ दिनों तक चलेगी। लैंडिंग के बाद रोवर एक सप्ताह हफ्ते तक अपने पहियों को खोलने और बाकी चीजें चेक करने में व्यस्त रहेगा। मंगल ग्रह कई मायनों में पृथ्वी के समान है। वहां एक दिन में 24 घंटे 37 मिनट और 22.663 सेकेंड होते हैं, जो पृथ्वी से थोड़ा ही अधिक है।
विभिन्न हालात को टेस्ट करने और मंगल ग्रह के चुनौतीपूर्ण वातावरण में रोवर को सेफ रखने के लिए इंजीनियर रोसलिंड फ्रैंकलिन रोवर की एक जुड़वां मशीन का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिस मशीन को टेस्ट किया जा रहा है, उसका नाम अमालिया (Amalia) रखा गया है। यह नाम प्रसिद्ध खगोल भौतिकीविद् ‘अमालिया एरकोली फिन्ज़ी' से प्रेरित है। अमालिया को स्पेस डायनैमिक्स में काफी अनुभव है।
ExoMars मिशन को मुख्य रूप से मंगल ग्रह पर जीवन के निशान खोजने के मकसद से तैयार किया गया है। इसके नाम में ‘एक्सो' शब्द का प्रयोग एक्सोबायोलॉजी (astrobiology) की स्टडी पर बात करता है। इसमें पृथ्वी के अलावा जीवन की संभावनाएं खोजी जाती हैं। इस मिशन के दो भाग हैं। पहले भाग में ‘ट्रेस गैस ऑर्बिटर' और एक लैंडिंग मॉड्यूल शामिल है। इसे मार्च 2016 में लॉन्च किया जा चुका है। दूसरा भाग में रोवर शामिल है, जिसे इस साल सितंबर में लॉन्च करने की योजना है।
मिशन के पहले भाग के तहत भेजे गए ‘ट्रेस गैस ऑर्बिटर' ने हाल में बड़ी कामयाबी पाई थी। यह पता चला था कि मंगल ग्रह की वैलेस मेरिनेरिस Valles Marineris घाटी की सतह के नीचे पानी छुपा है। ट्रेस गैस ऑर्बिटर (TGO) ने इस घाटी में बड़ी मात्रा में पानी की खोज की है।
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