भरत सुब्रमण्यम (Bharath Subramaniyam) बने भारत के 73वें शतरंज ग्रैंडमास्टर
9 जनवरी, 2022 को चौदह वर्षीय भरत सुब्रमण्यम (Bharath Subramaniyam) भारत के 73वें शतरंज ग्रैंडमास्टर बने। उन्होंने इटली के कैटोलिका में एक कार्यक्रम में तीसरा और अंतिम ग्रैंडमास्टर मानदंड हासिल किया।
मुख्य बिंदु
- उन्होंने चार अन्य राउंड के साथ नौ राउंड से 6.5 अंक हासिल किए और इस स्पर्धा में सातवें स्थान पर रहे।
- उन्होंने यहां अपना तीसरा जीएम मानदंड हासिल किया और साथ ही अपेक्षित 2,500 (ELO) अंक को छुआ।
- साथी भारतीय खिलाड़ी एम.आर. ललित बाबू सात अंकों के साथ टूर्नामेंट में विजेता बने। उन्होंने बेहतर टाई-ब्रेक स्कोर के आधार पर खिताब जीता क्योंकि उन्होंने यूक्रेन के एंटोन कोरोबोव सहित तीन अन्य लोगों के साथ बराबरी की थी।
एक खिलाड़ी ग्रैंडमास्टर (जीएम) कैसे बन सकता है?
जीएम बनने के लिए, एक खिलाड़ी को तीन जीएम मानदंडों को सुरक्षित करना होगा और साथ ही 2,500 ELO पॉइंट्स की लाइव रेटिंग को पार करना होगा।
सुब्रमण्यम इंटरनेशनल मास्टर कब बने?
सुब्रमण्यम 11 साल 8 महीने की उम्र में 2019 में इंटरनेशनल मास्टर बन गए थे।
ग्रैंडमास्टर (GM) किसे कहा जाता है?
जीएम शतरंज के खिलाड़ियों को दी जाने वाली उपाधि है। यह विश्व शतरंज संगठन FIDE द्वारा प्रदान की जाती है। यह एक शतरंज खिलाड़ी का सर्वोच्च खिताब है। एक बार हासिल करने के बाद यह उपाधि जीवन भर के लिए धारण की जाती है।
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