चुनावी बांड (Electoral Bonds) की 19वीं किश्त को मंजूरी दी गई
केंद्र सरकार ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले 31 दिसंबर, 2021 को चुनावी बांड की 19वीं किश्त जारी करने को मंजूरी दी ।
मुख्य बिंदु
- चुनावी बांड की बिक्री 1 जनवरी से 10 जनवरी 2022 तक खुली रहेगी।
- भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को अपनी 29 अधिकृत शाखाओं के माध्यम से बांड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है।
- 5 राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और गोवा में विधानसभा चुनाव होने हैं।
चुनावी बांड क्या है?
चुनावी बांड एक वित्तीय साधन है, जिसका उपयोग राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए किया जाता है। ये बांड बिना किसी अधिकतम सीमा के 1000, 10000, 1 लाख, 10 लाख और 1 करोड़ रुपये के गुणकों में जारी किए जाते हैं। इन बांडों को जारी करने वाला SBI एकमात्र अधिकृत बैंक है। जारी होने की तारीख से, यह बांड पंद्रह दिनों के लिए वैध होते हैं। उन्हें एक पंजीकृत राजनीतिक दल के नामित खाते में भुनाया जा सकता है। इसमें दान देने वाले व्यक्ति के नाम का जिक्र नहीं होता है।
बांड कौन खरीद सकता है?
कोई भी व्यक्ति, जो भारत का नागरिक है, जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर के महीनों में प्रत्येक दस दिनों की अवधि के लिए इन बांडों को खरीद सकता है। व्यक्ति अकेले या संयुक्त रूप से अन्य व्यक्तियों के साथ बांड खरीद सकता है।
बांड की बिक्री
चुनावी बांड के पहले बैच की बिक्री मार्च 1-10, 2018 से हुई। बॉन्ड बिक्री की 18वीं किश्त 1-10 सितंबर, 2021 के बीच हुई थी।
कौन सी पार्टियां चंदा ले सकती हैं?
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत पंजीकृत पार्टियां चुनावी बांड के माध्यम से चंदा प्राप्त करने की हकदार हैं। इसके अलावा, इन पार्टियों को पिछले चुनावों में डाले गए वोटों के 1% से कम मत प्राप्त नहीं होने चाहिए थे।
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